पञ्चकन्या: पौराणिक कथा आख्यान (Tales of the Panchkanya)
पञ्चकन्या: पौराणिक कथा आख्यान (Tales of the Panchkanya) - Paperback is backordered and will ship as soon as it is back in stock.
Couldn't load pickup availability
Edition : 1st
Size : 5.5" x 8.5"
Condition : New
Language : Hindi
Weight : 0.0-0.5 kg
Publication Year: 2024
Country of Origin : India
Territorial Rights : Worldwide
HSN Code : 49011010 (Printed Books)
Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House
"अहल्या, द्रौपदी, कुंती, तारा, मंदोदरी तथा पञ्चकन्या स्मरणं नित्यं महापातक नाशकं"
यानि अहल्या, द्रौपदी, कुंती, तारा और मंदोदरी, इन पञ्च कन्याओं को प्रातः स्मरण करना चाहिए, इनके स्मरण से महापापों का नाश होता है।
एक ऐसा 'श्लोक' जिसका न आदि मिला न अंत, लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों में इनका स्मरण महापाप से बचाने वाला कहा गया। विभिन्न प्रान्तों की धार्मिक आस्थाओं में इसे पूजा के साथ मन्त्र जाप की तरह शामिल किया गया।
विभिन्न काल, परिवेश और सामाजिक पृष्ठभूमि से आई, श्रेष्ठ कुलों से सम्बद्ध इन पञ्च कन्याओं में बस एक बात सामान्य है कि इन सभी के संबंध एक से अधिक पुरुषों के साथ रहे। ये परिभाषित रूप से कन्या की श्रेणी में नहीं आतीं, विवाहिता होने पर भी इन्हें कन्या कहा गया।
हर युग, काल और परिस्थिति ने उन्हें अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया। जो कहा गया, जो लिखा गया, उससे अधिक यहाँ अनकहा और अनुत्तरित सदा ही बना रहा। यही भाव पञ्चकन्या को हम सबके बीच प्रासंगिक बनाए रखता है।
About the Authors:
डॉ मधु चतुर्वेदी लेखिका, कवियत्री और मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं। देहरादून, इंडोनेशिया के ख्याति प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय में अध्यापन कार्य अनुभव। पाँच सौ से अधिक लेख, कविता, कहानियां, वार्ताएं आकाशवाणी, दूरदर्शन, यू-ट्यूब पर प्रकाशित एवं प्रसारित। इनकी प्रकाशित रचनाएं हैं: कहानी संग्रह सास का बेटा काव्य संग्रह सीधी-सीधी, आड़ी-तिरछी, कुछ ऊपर की छावनी का इतिहास; गौरव के पथ पर अनुवाद; बाल कलरव; बाल कहानियां और बाल काव्य संग्रह का सम्पादन; डॉ मधु चतुर्वेदी की वैश्विक मंच रामचरित भवन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय राम कथा साहित्य में अनेक विषयों पर शोधपत्रों की प्रस्तुति भी रही है।
एका चतुर्वेदी बनर्जी दो दशक से अधिक के कॉरपोरेट कैरियर के बाद, अपने फाउंडेशन 'ऐकम रिसोनेंस' के माध्यम से भारत की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता और साहित्य तथा वैदिक संस्कारों का गौरव विश्व भर में स्थापित करने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय वैदिक जीवन ज्ञान और पद्धति को आज की आधुनिक जीवन शैली के रूप में उतारने और अपनाने के प्रयासों में समर्पित है। एका 52 रेड पिल्स की इमेज सेलिंग ऑथर रही हैं। विश्व के हर व्यक्ति विशेष के भीतर की चेतना जागृत कर उनके अंत:करण में उन्हें उसकी प्रतिध्वनि का अनुभव करवाना ही एका का यज्ञ प्रयोजन है