MOTILAL BANARSIDASS PUBLISHING HOUSE (MLBD) SINCE 1903

SKU: 9789356760363 (ISBN-13)  |  Barcode: 9356760365 (ISBN-10)

Positive Psychology: The Psychological Bases of Positivity in Life (Sakaratmak Manovigyan: Jeevan mein Sakaratmakta ke Manovaigyanik Aadhar)

Size
₹ 795.00

Pages : 580

Edition : 1st

Size : 5.5" x 8.5"

Condition : New

Weight : 0.0-0.5 kg

Publication Year: 2023

Country of Origin : India

Territorial Rights : Worldwide

Book Categories : Psychology

Reading Age : 13 years and up

HSN Code : 49011010 (Printed Books)

Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House


"पुस्तक में सकारात्मकता के विविध पक्षों का नवीनतम शोध सम्मत विश्लेषण है : . भारतीय एवं पाश्चात्य दृष्टिकोण . बौद्ध मनोविज्ञान में ममनश्चेतना . विस्तारण एवं सुदृढ़ीकरण सिद्धांत . आशा ,आशावादिता ,कृतज्ञता ,क्षमाशीलता , समानुभूति ,करुणा . रेसीलिएंस . प्रसन्नता एवं कुशलक्षेम जीवन के सिद्धांत , प्रामाणिक प्रसन्नता, PERMA ,PWB SWB . घनिष्ठ सामाजिक संबंध ,अनुरक्ति , प्रेम एवं सामाजिक सहयोग . जीवन में उद्देश्य एवं अर्थ आत्मभिज्ञता आत्म-नियमन . सकारात्मक इकोसिस्टम का निर्माण . सकारात्मकता का जीव वैज्ञानिक पक्ष , साइकोन्यूरोइम्यूनोलॉजी जैसे विविध विषयों के बारे में गंभीर एवं विशद विश्लेषण . पुस्तक का आमुख वरिष्ठ मनोविज्ञानी डॉ गिरीश्वर मिश्रा द्वारा . भारत के अनेक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिकों द्वारा पुस्तक की सराहना".

About the Author: 

प्रोफेसर अमरनाथ राय के पास स्नातक विद्यार्थियों को चालीस वर्षों से भी अधिक लंबी अवधि का अध्यापन अनुभव है । प्रो. राय के लेख एवं निबंध शोध पत्रिकाओं सहित अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते है । पूर्व में दो पुस्तकों का प्रकाशन : निर्देशन एवं परामर्शन ; तथा आधुनिक परामर्शन मनोविज्ञान । दोनों पुस्तकों के कई संस्करण प्रकाशित एवं पुनः मुद्रित हुए हैं । प्रो. राय पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी एवं अध्ययन परिषद सहित अनेक समितियों के सदस्य रहे है । कम्युनिटी साइकोलॉजी एसिसिएशन ऑफ़ इंडिया के उपाध्यक्ष एवं अनेक शैक्षिक संस्थानों एवं गतिविधियों से जुड़े हुए हैं । 

Reviews:

सकारात्मकता एक शक्ति है जिसके माध्यम से हम जीवन की प्रत्येक नकारात्मक शत्तिफ़ को विजित कर सकते हैं। यह आशावादी प्रवृत्ति है तथा आभार प्रभावशीलता, स्वस्ति बोध, क्षमाशीलता, आशावादी था। इसके अनेक आयाम हैं जिनको अपने व्यवहार में उतार कर व्यक्ति ना केवल अपना कल्याण कर सकता है अपितु समाज कल्याण का भी यही बीज है। सकारात्मकता एक तेजोमय प्रकाश है। जिसके कारण व्यष्टि का ही नहीं अपितु समाज का मानसिक स्वास्थ्य विकसित होता है। सकारात्मक मनोविज्ञान मनोविज्ञान की यही शाखा है जिसका उद्भव न केवल व्यत्तिफ़ कल्याण अपितु लोक कल्याण हेतु हुआ है एवं उसके प्रयास निरंतर दृष्टिगोचर भी हो रहे हैं। वैसे ही सकारात्मक मनोविज्ञान पर पश्चिमी वैज्ञानिकों द्वारा अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं परंतु भारतवर्ष में ऐसी पुस्तकों का सर्वथा अभाव है। उत्तफ़ अवदशा में डॉक्टर अमरनाथ राय द्वारा किया गया यह प्रयास मील का पत्थर है। इस पुस्तक के सभी अध्याय अत्यंत विषद एवं उपयोगी तो हैं ही वे मनोवैज्ञानिक आयाम पर भी खरे हैं। मैं इस पुस्तक का सादर स्वागत करती हूँ तथा विश्वास करती हूँ कि यह पुस्तक मनोवैज्ञानिकों, शोध छात्रें, अध्यापकों तथा मानसिक स्वास्थ्य व्यवसाईको के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। ---प्रोफेसर आराधना शुक्ला पूर्व संकाया अध्यक्ष (कला) एवं अध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल (परिसर अल्मोड़ा) संप्रति: सीनियर फेलो (आई सी एस एस आर) मनोविज्ञान विभाग, एसएसजे परिसर अल्मोड़ा

सकारात्मकता के विभिन्न संप्रत्ययों एवं आयामों को दर्शाती सकारात्मक मनोविज्ञान की यह पुस्तक लेखक के सराहनीय प्रयासों का परिणाम है। नवीनतम शोधों पर आधारित सशत्तफ़ भाषा में रचित यह पुस्तक पठनीय एवं प्रेरणादायक है। आशा है, यह पुस्तक सकारात्मक मनोविज्ञान के क्षेत्र में एक अद्वितीय रचना सिद्धि होगी। ---डॉ राकेश कुमार श्रीवास्तव पूर्व सेक्शनल अध्यक्ष, इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन एवं सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, पी-जी- कॉलेज, मलिकपूरा, गाजीपुर (उत्तरा)

सकारात्मक मनोविज्ञान व्यक्तिगत गुणों, जीवन किल्पों, जीवन परिस्थितियों और सामाजिक अंतर्सबंध के सकारात्मक निर्वाह का वैज्ञानिक स्वरूप है। जिसका उपयोग जीवन को गुणवत्तापूर्ण जीने, शारीरिक, मानसिक, सामजिक, आध्यात्मिक स्वास्थ्य के संवर्धन, उन्नयन और सार्थकता के लिये किया जाना चाहिए। प्रो- अमर नाथ राय द्वारा लिखित फ्सकारात्मक मनोविज्ञानय् सरल और सारगर्भित विषयवस्तु के साथ प्रस्तुत की गई पाठड्ढ पुस्तक है, जिसे स्नातक और स्नातकोत्तर पाठड्ढक्रमों के अनुरूप निर्मित किया गया है। जिसका स्वागत किया जाना चाहिये। पाठड्ढक्रम से इतर भी इसका अध्ययन ज्ञानवर्धन में सहायक होगा। शुभकामनाओं सहित, ---प्रो- डॉ राजेंद्र सिंह प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, सामुदायिक चिकित्सा विज्ञान, राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, आजमगढ़