MOTILAL BANARSIDASS PUBLISHING HOUSE (MLBD) SINCE 1903

SKU: 9789359035000 (ISBN-13)  |  Barcode: 9359035009 (ISBN-10)

Bharat ki Mahan Matra Shakti (Shaurya, Parakram, Gyan, Tyag, Deshbhakti ki Pratimurti Bharatiya Nari)

Binding
₹ 625.00

Pages : 291

Edition : 1st

Size : 5.5" x 8.5"

Condition : New

Language : Hindi

Weight : 0.0-0.5 kg

Publication Year: 2023

Country of Origin : India

Territorial Rights : Worldwide

Reading Age : 13 years and up

HSN Code : 49011010 (Printed Books)

Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House


किताब के बारे में:

यह पुस्तक पाठक का भारत की नारी शक्ति से परिचय करवाती है। समाज के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके योगदान और उपलब्धियों का वर्णन करती यह पुस्तक, गौरवान्वित समाज को उनके अनुकरण की प्रेरणा देने में सक्षम है। भारतीय समाज मे स्त्रियों को समुचित सम्मान, स्वातंत्र्य, शिक्षा व सम्पति पर अधिकार प्राप्त थे, और यही कारण था कि उन्होंने विज्ञान, कला, साहित्य, आध्यात्म, शासन, प्रशासन, व्यापार, शस्त्र सचालन, सैन्य अभ्यास और युद्धकला इत्यादि लगभग सभी क्षेत्रों में उच्च स्थान प्राप्त किया था। उत्तर से लेकर दक्षिण तक, व पूर्व से लेकर पश्चिम तक के सभी उदाहरण प्रमाण हैं कि समाज के सभी वर्ग की स्त्रियों ने अपने-अपने चयनित क्षेत्र में अनुकरणीय प्रगति की थी। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक को भारत की नारी शक्ति को, और उनकी उपलब्धियों को एक नये दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा मिलेगी। रामायण, महाभारत और पौराणिक युग की अधिकतर विदुषियों से पाठक परिचित हो सकते हैं, पर बौद्ध थेरिया, जैन आर्यिकार्य, विदुषिया, भक्त कवियित्रियों, रानियों, राजमाताओं, प्रशासकों व वीरांगनाओं से उनका कम ही परिचय है। उनके त्याग और बलिदान की कथायें समाज को ऊर्जावान बनाने में सक्षम हैं। प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान तक की इन नारियों का जीवन हमारे लिये प्रेरणा का स्त्रोत है। इस पुस्तक में वर्णित लगभग सभी महान स्त्रियों की ऐतिहासिकता प्रमाणित है। इस पुस्तक में वैदिक युग से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी तक की सहस्त्राधिक जानी अनजानी महान स्त्रियों का विवरण दिया गया है, जिन्हें हमारे इतिहास में कम ही स्थान मिला है।

लेखक के बारे में: 

राकेश व्यास इस पुस्तक के लेखक एक वरिष्ठ पक्षी वैज्ञानिक, पर्यावरणविद अनुवादक, और लेखक है। वन्यजीव, पुरासम्पदा, कला, और संस्कृति संरक्षण में उनका गत 35 वर्षों से योगदान रहा है, और इन्हीं विषयों पर उन्होंने हिन्दी व अंग्रेजी में ग्यारह पुस्तकें लिखी हैं। साथ ही उनके सैकड़ों वैज्ञानिक शोधपत्र व प्रचलित आलेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी नवीनतम कृति में भारत की महान मातृशक्ति का पाठक से परिचय करवाती है, और यह उनके द्वारा उस शक्ति को वंदन है।

समीक्षा:

श्री राकेश व्यास साधुवाद के पात्र हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक के द्वारा भारत की नारी शक्ति को पुनः एक बार प्रस्थापित किया है। इसके लिये उन्होंने अथक परिश्रम किया है। वैदिक साहित्य का अवगाहन किया है। पुराणों को खंगाला है, और इतिहास का अध्ययन किया है। अपनी हर बात उन्होंने सप्रमाण प्रस्तुत की है। गार्गी, मैत्रेयी और लोपामुद्रा से लेकर आधुनिक काल की विदुषियों को भी सराहा है। वह एक स्वर्णिम काल था जब नारी पुरुष के समान ही शिक्षा पाती थी, कर्तव्य निभाती थी, और सम्मान पाती थी। श्री राकेश व्यास जी ने यह सारा इतिहास एक स्थान पर संजो कर एक उपयोगी पुस्तक की रचना की है। उन्हें पुनः एक बार साधुवादा अनेकानेक शुभकामनाओं सहित - श्रीमती मालती जोशी भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित लब्धप्रतिष्ठ हिन्दी व मराठी लेखक

मैं राकेश व्यास जी को बधाई देती हूं कि उन्होंने हमारी भारतीय महिलाओं की अनुकरणीय गौरव गाथाओं पर शोध कर, उन्हें संकलित किया व वर्तमान पीढ़ी के सामने रखा है। भारतीय स्त्रियों की महानता की ये कथायें, जो हमारी शिक्षा पदधति की हिस्सा होना चाहिए थी, इनमें से अधिकांश कथाओं से आज भी लोग अनभिज्ञ हैं। मेरा विश्वास है कि राकेश जी की यह पुस्तक भविष्य के भारत को देशा प्रदान करेगी, और भारत की बेटियों के लिये आदर्श उपस्थित कर सकेगी। यह पुस्तक सफलता के कीर्तिमान गढ़े, इसी मंगलकामना के साथ मैं पुनः एक बार राकेश व्यास जी को इस उपयोगी पुस्तक को लिखने के लिये बधाई एवं धन्यवाद दोनों देना चाहती हूँ। - श्रीमती मालनी अवस्थी भारत सरकार द्वारा पदमश्री से सम्मानित शास्त्रीय संगीतज्ञ व लोक गायक