Paryavaran Nitishastra (Environmental Ethics)
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Pages : 176
Edition : 1st
Size : 5.5" x 8.5"
Condition : New
Language : Hindi
Weight : 0.0-0.5 kg
Publication Year: 2022
Country of Origin : India
Territorial Rights : Worldwide
Reading Age : 13 years and up
HSN Code : 49011010 (Printed Books)
Publisher : Motilal Banarsidass Publishing House
पर्यावरण- नीतिशारत्र अनुप्रयुक्त, नीतिशारत्र का एक अलग भाग है जिसमें पर्यावरण सम्बंधित समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। प्रस्तुत पुस्तक मेंलेखक ने उन कारणो की खोज करने का प्रयास किया है, जिनकें कारण आज यें समस्याएं उत्पन्न हुई है। लेखक के अनुसार मनुष्य अपने स्वार्थहित के लिए प्राकृतिक संसाधनों के लिए पर्यावरण का दुरुपयोग किया है। उसका परिणाम पर्यावरण समस्या है। लेखक ने प्राकृतिक पर्यावरण के अलावा सामाजिक, राजनैतिक, आध्यात्मिक आदि पर्यावरणों का भी उल्लेख किया है। पर्यावरण समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान सर्वोदय एंव अध्यात्म विचार को बतलाया गया है। लेखक ने उपयोगितावदा, कठोरतावदा आदि सिद्धांतो का भी उल्लेख किया है। ये पुस्तक दर्शनशास्त्र के विद्यार्थियों के साथ साथ आम जन के लिए भी उपयोगी साबित होगी। मानविकी संख्या के साथ साथ विज्ञान, समाज विज्ञान, एंव अन्य सांख्य के विद्यार्थियों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा। वस्तुतः पुस्तक सार्वप्रधानिय है।
डॉ तिवारी ने रांची यूनिवर्सिटी से 1982 में पी-एच- डी की उपाधि प्राप्त की है। उन्होने तीन दर्जन से अधिक शोधचित्रो का सफल निर्देसन किया।
About the Author:
डॉ॰ एन-पी- तिवारी ने पटना विश्वविधालय से बी-ए- आनर्स और एम-ए किया। जनवरी 1979 से जून 2016 तक पटना विश्वविधालय में क्रमशः अस्सिटेंट प्रोफेसर, ऐसोसिएट प्रोफेसर, और प्रोफेसर के रुप में कार्य किया। विभिन्न राज्ट्रीय एंव अंतर्राज्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में अनेक दार्शनिक और गैर दार्शनिक रचनाएं प्रकाशत हुई है। डॉ तिवारी अनेक कॉन्फेरेन्सस, सेमिनार, वर्कशॉप और विभिन्न अकादमिक एक्टिविटिज में भाग लेते रहें है। अभी भी उनकी ये एक्टिविटिज बंद नही है। 2011 में उन्हें इंडिया इंटरनेशनल फ्रेंडशिप एसोसिशन नई दिल्ली की ओर से शिक्षा रत्न पुरूस्कार प्रदान किया गया। 2016 में अखिल भारतीय दर्शन परिजद ने उनकी पुस्तक भाषा विश्लेषन (भारतीय) को पुरस्कृत किया।
2018 में तत्कालीन कुलपति, पटना विश्वविधालय में डॉ॰ एन-पी- तिवारी को फिलोसोफी के सर्वोत्तम अध्यापक की उपाधि का प्रमाणपत्र प्रदान किया।